
कवियों को मिलने वाले पारिश्रमिक की शुरुआत करने का श्रेय बच्चन को ही जाता है. उनका तर्क था कि जब हर किसी को मेहनताना मिलता है, तो कवि इससे पीछे क्यों रहे.
The post ‘मधुशाला’ नहीं कवियों को ‘मेहनताना’ दिलाने का श्रेय भी जाता है हरिवंश राय बच्चन को appeared first on ThePrint Hindi.
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